NEP 2020 का 2025 में असर: क्या बदलेगा स्कूलों का चेहरा?
भारत में शिक्षा प्रणाली लंबे समय से बदलाव की मांग कर रही थी, और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) इसी दिशा में एक बड़ा कदम रही। लेकिन 2025 तक आते-आते इस नीति का असली असर ज़मीन पर कैसे दिख रहा है? क्या वाकई स्कूलों का चेहरा बदल रहा है? आइए इस पर विस्तार से चर्चा करें।
![]() |
NEP 2020 का 2025 में असर |
1. बुनियादी ढांचे में बदलाव
NEP 2020 के अंतर्गत स्कूलों में अब पारंपरिक कक्षाओं के साथ-साथ डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा दिया गया है। स्मार्ट क्लासरूम, प्रोजेक्टर, टैबलेट और डिजिटल लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं 2025 तक कई सरकारी स्कूलों में पहुँच चुकी हैं।
📌 सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2025 तक 70% ग्रामीण स्कूलों में डिजिटल टूल्स उपलब्ध कराए जा चुके हैं।
2. 5+3+3+4 संरचना की प्रभावशीलता
नवीन ढांचा जिसमें अब शिक्षण को चार चरणों में बाँटा गया है (Foundational, Preparatory, Middle, Secondary), वह बच्चों की सीखने की प्रक्रिया को अधिक लचीला और व्यावहारिक बना रहा है।
- Foundational Stage (3-8 वर्ष): खेल-कूद और गतिविधि-आधारित शिक्षा
- Preparatory Stage (8-11 वर्ष): भाषा कौशल और बुनियादी गणित
- Middle Stage (11-14 वर्ष): प्रयोग आधारित और इंटरैक्टिव लर्निंग
- Secondary Stage (14-18 वर्ष): विषयों की स्वतंत्रता और वैकल्पिक पाठ्यक्रम
3. AI, Coding और नई तकनीकों की पढ़ाई
2025 तक NEP 2020 के तहत कई स्कूलों ने AI (Artificial Intelligence), Machine Learning, और Coding जैसे विषयों को स्कूली स्तर पर शामिल कर लिया है। इससे विद्यार्थी आधुनिक तकनीक से परिचित हो रहे हैं।
🎓 CBSE के अनुसार, 2025 तक कक्षा 6 से AI और कोडिंग विषय अनिवार्य रूप से कई स्कूलों में शामिल हो चुके हैं।
4. मल्टी-लैंग्वेज सपोर्ट और मातृभाषा में शिक्षा
NEP 2020 के अनुसार, अब प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में दी जा रही है। इससे बच्चों की समझ और जुड़ाव शिक्षा से और गहरा हो रहा है।
🗣️ 2025 में 60% से अधिक राज्यों ने प्राथमिक कक्षाओं में मातृभाषा में शिक्षा शुरू कर दी है।
5. अधिगम की स्वतंत्रता और कौशल विकास
अब विद्यार्थियों को विषय चुनने की स्वतंत्रता है। कला, खेल, विज्ञान, और तकनीक को एक साथ पढ़ने का विकल्प उपलब्ध है। इसके अलावा, कौशल-आधारित शिक्षा जैसे कि Vocational Training और Internship Culture का विस्तार हुआ है।
🔧 Skill India के सहयोग से 2025 तक 50 लाख से अधिक छात्रों को व्यावसायिक प्रशिक्षण मिल चुका है।
6. शिक्षकों की ट्रेनिंग और डिजिटल साक्षरता
NEP 2020 ने शिक्षकों की भूमिका को और अधिक सक्रिय और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने पर ज़ोर दिया। 2025 तक लाखों शिक्षकों को डिजिटल ट्रेनिंग, नई तकनीकों और शिक्षण पद्धतियों में प्रशिक्षित किया गया है।
निष्कर्ष
2025 तक NEP 2020 ने निश्चित रूप से भारत की शिक्षा प्रणाली में सकारात्मक बदलाव लाए हैं। अब स्कूल केवल रटने की जगह नहीं, बल्कि समझने, प्रयोग करने और खोजने के केंद्र बन रहे हैं। हालांकि चुनौतियाँ अब भी हैं, लेकिन दिशा सही है। आने वाले वर्षों में यह बदलाव और अधिक गहराई तक जाएगा।
0 Comments