REET 2021 SST
LEVEL-2 99 IMPORTANT NOTES
इस पोस्ट में रीट 2021 परीक्षा लेवल-2 (सामाजिक विज्ञान-भूगोल) से सम्बन्धित कुछ महत्त्वपूर्ण नोट्स उपलब्ध कराए गए है, जो परीक्षा तथा सामान्य ज्ञान की दृष्टि से उपयोगी हो सकते है-
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रीट 2021 सामाजिक विज्ञान (भूगोल) 99 नोट्स |
· आसमान में दिखाई देने वाले
तारो के विभिन्न समूह को तारामण्डल
अथवा नक्षत्रमण्डल कहा जाता है, तारो के छोटे समूह भी तारामण्डल कहलाते है-
· भारत में आसमान में दिखाई
देने वाले सात तारो के समूह को सप्तऋषि
मण्डल के नाम से जाना जाता है-
· सप्तऋषि मण्डल को फ्रांस
में सॉस पेन (हत्थे वाली देगची), ब्रिटेन में खेत जुताई वाला हल तथा यूनान में स्माल बीयर कहा जाता है–
· ध्रुव तारे से उत्तर दिशा दिशा का निर्धारण आसानी से किया जा
सकता है-
· पोल स्टार को हिन्दु धर्म ग्रन्थो
में ध्रुव तारा कहा गया है-
· आकाश में फैले तारे, उल्का, ग्रह, उपग्रह, धुमकेतु आदि खगोलीय पिण्ड कहलाते है-
· तारे हाइड्रेजन व हीलियम
गैंसो के मिश्रण से बनते है तथा तारे स्वयं के प्रकाश से चमकते है-
· विभिन्न तारो, उनके अवशेषो, धूलकणो तथा गैसों का
असीमित भण्डार आकाशगंगा कहलाता है-
· असंख्य आकाशगंगाओं का समूह ब्रह्माण्ड कहलाता है और ब्रह्माण्ड अन्तरिक्ष
का भाग है
· सूर्य के प्रकाश की गति
3 लाख कि.मी. प्रति सैकण्ड है-
· एक वर्ष में सूर्य का प्रकाश 95 खरब कि.मी. की यात्रा तय करता है-
· ब्रह्माण्ड की उत्पति का सर्वमान्य
सिद्धान्त बिग बैंग है-
· पृथ्वी मिल्की वे, एरावत पथ अथवा दुग्ध मेखला आकाशगंगा का भाग है-
· पृथ्वी के सबसे निकटतम तारा सूर्य है और सूर्य से पृथ्वी की दूरी लगभग 15 करोड़ कि.मी. है-
· धूमकेतु/पुच्छल तारे का सिर सदैव सूर्य
की तरफ होता है-
· पृथ्वी के निकट से गुजरने वाला
चर्चित धूमकेतु/पुच्छल तारा हैली
है जो 76 वर्षों बाद वर्षों बाद दिखाई
देता है-
· अंतिम बार हैली को
1986 में देखा गया तथा अगली बार हैली धुमकेतु 2062
में दिखाई देगा-
· सौर परिवार का पिता/जनक सूर्य को कहा जाता है-
· सौरमण्डल के सभी आकाशीय
पिण्ड जिस पथ पर सूर्य का चक्कर लगाते है, कक्ष कहलाता है-
· सौर मण्डल के केन्द्र
में सूर्य है,
यह सर्वप्रथम निकोलस कॉपरनिक्स (1543) बताया-
· आधुनिक वैज्ञानिको द्वारा
सौर मण्डल की आयु 460 करोड़ वर्ष बताई
गई है-
· सौरमण्डल को सूर्य के गुरुत्वाकर्षण नें बांध रखा है-
· सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी
तक आने में 8 मिनट 30 सैकण्ड समय लगता
है-
· सौरमण्डल में कुल 8 ग्रह
है, प्लूटो 9वां ग्रह था जिससे ग्रह का
दर्जा 2006 में छिना गया-
· आन्तरिक ग्रहो में बुध, शुक्र, पृथ्वी व
मंगल शामिल है-
· बाह्य ग्रहो में बहस्पति, शनि, अरूण व
वरूण शामिल है-
· गैसीय ग्रह बहस्पति व शनि
को कहा गया है-
· बर्फ दानव की संज्ञा अरूण व वरूण
ग्रहो को दी गई है-
· सूर्य से दूरी के आधार पर
पृथ्वी का सौरमण्डल के ग्रहो में तीसरा
स्थान है-
· आकार की दृष्टि से पृथ्वी
सौरमण्डल का कितने पांचवा बड़ा ग्रह है-
· पृथ्वी का औसत तापमान 15°c है-
· पृथ्वी पर तापमान बने रहने का
कारण वायुमण्डल है-
· पृथ्वी के चार परिमण्डल है-
· पृथ्वी के 71% भाग पर जल है-
· ग्रह का चक्कर लगाने वाला
पिण्ड उपग्रह कहलाता है-
· पृथ्वी का उपग्रह चन्द्रमा है-
· पृथ्वी के समान सघन
वातावरण की खोज टाइटन की गई है, टाइटन शनि का उपग्रह है
· चन्द्रमा की तुलना मे पृथ्वी 81 गुना बड़ी है-
· चन्द्रमा को अपने अक्ष
पर घूमने में लगभग 29 दिन का समय लगता
है-
· चन्द्रमा को पृथ्वी
के चारो तरफ चक्कर लगाने में लगभग 27 दिन
का समय लगता है-
· मंगल व बृहस्पति के
बीच की पट्टी क्षुद्र ग्रह कहलाती है-
· टुटते हुए तारे के रूप
में उल्का पिण्ड
जाना जाता है-
· सौरमण्डल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति तथा सबसे छोटा ग्रह बुध है-
· जीवन्त ग्रह पृथ्वी कहा जाता है-
· पृथ्वी शुक्र व मंगल
दो ग्रहो के बीच स्थित है-
· गीजा का महान पिरामिड ध्रुव तारे से सम्बंधित है-
· अन्तरिक्ष के अध्ययन
के प्रमाण सबसे पहले मिश्र में मिले –
· भारत द्वारा अन्तरिक्ष में
भेजे गए पहले कृत्रिम उपग्रह का नाम आर्यभट्ट
है-
· पृथ्वी की सही परिधी
की गणना सर्वप्रथम इरेटोस्थनीज नें की
थी –
· सिद्धान्त शिरोमणी भास्कराचार्य की रचना है-
· सर्वप्रथम भास्कराचार्य
भारतीय खगोलवेता ने पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण
के बारे में बताया था –
· प्रथम दूरबीन का
आविष्कार हॉलैण्ड (नीदरलैण्ड) के हेंस लिप्परर्सी
किया –
· आकाशीय पिण्डो को देखने
योग्य दूरबीन का आविष्कार गैलिलीयो
(इटली) ने 1610 ई. में किया –
· देश की सबसे बड़ी
दूरबीन मास्ट को उदयपुर में फतहसागर
झील के टापू पर स्थापित किया गया है-
· सवाई जयसिंह ने सौर वेद्यशालाओ का निर्माण दिल्ली, जयपुर, बनारस, उज्जैन व मथुरा पर किया –
· सवाई जयसिंह ने सम्राट यंत्र (सबसे बड़ा), जयप्रकाश
यंत्र व रामयंत्र तीन यंत्रो का निर्माण करवाया –
· पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण
से बाहर निकलने के लिए जरूरी पलायन वेग 11.2
कि.मी. प्रति सैकण्ड होना चाहिए –
· विश्व का पहला कृत्रिम
उपग्रह स्पुतनिक -1 (तत्कालीन
सोवियत संघ) 1957 में था –
· अन्तरिक्ष में जाने वाला पहला
जीवित प्राणी लाईका नामक कुतिया (स्पुतनिक -2) था –
· अन्तरिक्ष की यात्रा करने वाला
पहला व्यक्ति यूरी गागरिन (वोस्ताक
-1) 1961 में था –
· चन्द्रमा पर पहली बार मानव 1969
में अपोलो -11 द्वारा पंहुचा –
· चन्द्रमा की धरा पर पहली बार कदम
रखने वाला अन्तरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग
था –
· अन्तरिक्ष यात्रा करने
वाला प्रथम भारतीय राकेश शर्मा (1984
में सोयुज टी 11 नामक यान से) था –
· अन्तरिक्ष में जाने वाली भारत
की पहली महिला कल्पना चावला थी –
· अन्तरिक्ष में सर्वाधिक
समय बिताने वाली भारतीय मूल की अमेरिकी महिला सुनीता
विलियमस है-
· ISRO का पुरा नाम भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन है-
· इसरो का गठन 1962 में डा. होमी जहांगीर भाभा नेतृत्व में हुआ 1-
· भारत के अन्तरिक्ष
कार्यक्रम को गति देने का श्रेय विक्रम साराभाई को
जाता है-
· प्रथम भारतीय उपग्रह आर्यभट्ट है-
· आर्यभट्ट का प्रक्षेपण 1975 में
पूर्व सोवियत संघ के बेकानूर अन्तरिक्ष
केन्द्र से से किया गया -
· मंगलयान नवंबर 2013 में आन्ध्र
प्रदेश के श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित
किया गया -
· चन्द्रयान अक्टुबर 2008 प्रक्षेपित
किया गया -
· भारत की पहली अन्तरिक्ष वैद्यशाला
एस्ट्रोसेट (अक्टुबर, 2015) है -
· पृथ्वी की आकृति भू-आभ (Geoid) अथवा पृथ्वयाकार
(oblate
ellipsoid) है -
· पृथ्वी का भूमध्यवृतीय व्यास 12756.6 कि.मी. तथा पृथ्वी का
ध्रुवीय व्यास 12714 कि.मी. है-
· पृथ्वी की भूमध्य रेखीय परिधि 40075 कि.मी. तथा ध्रुवीय परिधि 40008 कि.मी. है-
· पृथ्वी के भूआभीय
आकार का पता सर्वप्रथम जाँ रिव्हर
(फ्रांस) ने लगाया -
· पृथ्वी का अक्ष
अपने परिक्रमण तल से 66°30' कोण बनाता है-
· 90° उतरी अक्षांश रेखा उतरी ध्रुव पर खींची गई है-
· 23°30° उतरी अक्षांश पर खींची गई रेखा कर्क रेखा कहलाती है-
· 66°30'उतरी अक्षांश रेखा आर्कटिक वृत का निर्माण करती है-
· 90° दक्षिणी अक्षांश रेखा
दक्षिणी ध्रुव पर विद्यमान है-
· 23°30' दक्षिणी अक्षांश रेखा मकर रेखा कहलाती है-
· 66°30 दक्षिणी अक्षांश
रेखा अंटार्कटिक वृत बनाती है-
· उतरी गोलार्द्ध में स्थल भाग अधिक
है-
· कुल अक्षांश 181 है तथा वृत
179 है-
· भारत उतरी गोलार्द्ध में है-
· 1° अक्षांश की पृथ्वी के धरातल पर
दूरी 111.13 (लगभग 111 कि.मी.) होती
है-, इनके मध्य दूरी सदैव समान (111 कि.मी) होती है-
· 1 सैकण्ड अक्षांश की कोणीय दूरी 31 मी. होती है-
· भूमध्य रेखा से कर्क व मकर रेखा
के मध्य सूर्य के सीधा चमकने के कारण गर्मी ज्यादा रहती है, यह क्षेत्र उष्ण कटिबंध कहलाता है-
· कर्क रेखा से आर्कटिक
वृत तथा मकर रेखा व अंटार्कटिक वृत के मध्य तापमान मध्यम रहता है तथा यह क्षेत्र शीतोष्ण/उपोष्ण कटिबन्ध कहलाता है-
· आर्कटिक वृत तथा उतरी
ध्रुव और अंटार्कटिक वृत से दक्षिणी ध्रुव के बीच के स्थान अत्यधिक ठण्डे रहते है
इससे यह क्षेत्र शीत कटिबंध कहलाता है-
· भूमध्य रेखा से उतरी
भौगोलिक ध्रुव (या दक्षिणी भौगोलिक ध्रुव) के मध्य की कुल दूरी 90° है।
· पृथ्वी की ध्रुवीय परिधि 40,008 किमी. है। इस प्रकार एक गोलार्द्ध
की ध्रुवीय परिधि 20,004 किमी. होती है
तथा इसकी आधी अर्थात 0° से 90° उतरी ध्रुव की दूरी 10,002 किमी. होती है। इस
प्रकार 1° अक्षांश की पृथ्वी के धरातल पर दूरी 10,002/90 - 111.13 किमी.
होती है।
· 1° अक्षांश को 60 मिनट
में विभाजित किया जाता है, इस प्रकार 1
सैकेण्ड अक्षांश की कोणीय दूरी पृथ्वी के धरातल की 1.86/60
= 0.031 किमी. अर्थात 31 मीटर होती है।
· देशान्तर स्थान का विस्तार बताते
है जबकि देशान्तर रेखाए समय ज्ञात करने
के लिए प्रयोग की जाती है-
· देशान्तर रेखाएं ध्रुवों को
मिलाते हुए अर्द्धवृताकार रूप में रूप
में खींची जाती है-
· पृथ्वी 24 घण्टे में 360° घूमती है अर्थात एक घण्टे
में 15° घूमती है, अतः हम कह सकते है कि 4 मिनट मे पृथ्वी 1° घूमती है-
· देशान्तरों का प्रमुख कार्य GMT (ग्रीनवीच मीन टाइम) के
सापेक्ष स्थानीय मानक समय (LST) ज्ञात करना होता है।
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