तुलसी क्या है-
तुलसी एक औषधीय पौधा है जिसमें विटामिन (Vitamin) और खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। सभी रोगों को दूर करने और शारीरिक शक्ति बढ़ाने वाले गुणों से भरपूर इस औषधीय पौधे को प्रत्यक्ष देवी कहा गया है क्योंकि इससे ज्यादा उपयोगी औषधि मनुष्य जाति के लिए दूसरी कोई नहीं है। तुलसी के धार्मिक-महत्व के कारण हर-घर आगंन में इसके पौधे लगाए जाते हैं। तुलसी की कई प्रजातियां मिलती हैं। जिनमें श्वेत व श्याम प्रमुख हैं, इन्हें राम तुलसी और कृष्ण तुलसी भी कहा जाता है।
तुलसी का वानस्पतिक नाम Ocimum sanctum Linn. (ओसीमम् सेंक्टम्) और कुल का नाम Lamiaceae (लैमिएसी) है। अन्य भाषाओं में इसे तुलसी, सुरसा,
देवदुन्दुभि, अपेतराक्षसी, सुलभा,
बहुमञ्जरी, गौरी, भूतघ्नी, वृन्दा आदि नामों से पुकारा जाता है। तुलसी का पौधा सामान्तया 30 से 60 सेमी तक ऊँचा होता है और इसके फूल छोटे-छोटे सफेद
और बैगनी रंग के होते हैं। इसका पुष्पकाल एवं फलकाल जुलाई
से अक्टूबर तक होता है।
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benefits of tulsi in hindi |
तुलसी के फायदे एवं
उपयोग
औषधीय उपयोग की दृष्टि से तुलसी
की पत्तियां ज्यादा गुणकारी मानी जाती हैं। तुलसी के पत्तों की तरह तुलसी
के बीज के फायदे भी अनगिनत होते हैं। आप तुलसी के बीज के और पत्तियों का चूर्ण भी
प्रयोग कर सकते हैं। इन पत्तियों में कफ वात दोष को कम करने, पाचन शक्ति एवं भूख बढ़ाने और रक्त को शुद्ध करने
वाले गुण होते हैं। इसके अलावा तुलसी के पत्ते का फायदे बुखार, दिल से जुड़ी बीमारियां, पेट दर्द, मलेरिया और बैक्टीरियल संक्रमण आदि में बहुत फायदेमंद हैं। तुलसी
के औषधीय गुणों में राम तुलसी की तुलना में श्याम तुलसी
को प्रमुख माना गया है।
आइये तुलसी के
फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं –
सिर दर्द से आराम दिलाती है
तुलसी-
ज्यादा काम करने या अधिक तनाव में होने पर सिरदर्द
होना एक आम बात है। अगर आप भी अक्सर सिर दर्द की समस्या से परेशान रहते हैं तो तुलसी
के तेल की एक दो बूंदें नाक में डालें। इस तेल को नाक में डालने से
पुराने सिर दर्द और सिर से जुड़े अन्य रोगों में आराम मिलता है। सबसे ज़रूरी बात यह
है कि तुलसी के उपयोग करने का तरीका सही होना चाहिए।
दिमाग के लिए फायदेमंद हैं
तुलसी की पत्तियां
दिमाग के लिए भी तुलसी के
फायदे लाजवाब तरीके से काम करते हैं। इसके रोजाना सेवन से मस्तिष्क की कार्यक्षमता
बढ़ती है और याददाश्त तेज होती है। इसके लिए रोजाना तुलसी की 4-5 पत्तियों
को पानी के साथ निगलकर खाएं।
सिर के जूँ और लीख से
छुटकारा-
अगर आपके सिर में जुएं पड़ गये हैं और कई दिनों से यह समस्या
ठीक नहीं हो रही है तो बालों में तुलसी का तेल लगाएं। तुलसी के पौधे
से तुलसी की पत्तियां लेकर उससे तेल बनाकर बालों में लगाने से उनमें मौजूद जूं और
लीखें मर जाती हैं। तुलसी के पत्ते के फायदे, तुलसी का तेल बनाने
में प्रयोग किया जाता है।
रतौंधी में लाभकारी है
तुलसी का रस-
कई लोगों को रात के समय ठीक से दिखाई नहीं पड़ता है, इस
समस्या को रतौंधी कहा जाता है। अगर आप रतौंधी से पीड़ित हैं तो तुलसी की
पत्तियां आपके लिए काफी फायदेमंद है।
कान के दर्द और सूजन में
लाभदायक-
तुलसी की पत्तियां कान के
दर्द और सूजन से आराम दिलाने में भी असरदार है। अगर कान के पीछे वाले हिस्से में
सूजन (कर्णमूलशोथ) है तो इससे आराम पाने के लिए तुलसी के पत्ते तथा एरंड
की कोंपलों को पीसकर उसमें थोड़ा नमक मिलाकर गुनगुना करके लेप लगाएं। कान दर्द से
राहत दिलाने में भी तुलसी के पत्ते खाने से फायदा मिलता है।
दांत दर्द से आराम-
तुलसी की पत्तियां दांत दर्द
से आराम दिलाने में भी कारगर हैं। दांत दर्द से आराम पाने के लिए काली
मिर्च और तुलसी के पत्तों की गोली बनाकर दांत के नीचे रखने से दांत
के दर्द से आराम मिलता है।
गले से जुड़ी समस्याओं में
फायदेमंद-
सर्दी-जुकाम होने पर या मौसम में
बदलाव होने पर अक्सर गले में खराश या गला बैठ जाने जैसी समस्याएं होने लगती हैं। तुलसी
की पत्तियां गले से जुड़े विकारों को दूर करने में बहुत ही लाभप्रद हैं। गले
की समस्याओं से आराम पाने के लिए तुलसी के रस को हल्के गुनगुने पानी में मिलाकर
उससे कुल्ला करें। इसके अलावा तुलसी रस-युक्त जल में हल्दी और सेंधानमक
मिलाकर कुल्ला करने से भी मुख, दांत तथा गले के सब विकार दूर होते हैं।
सूखी खांसी और दमा से आराम-
तुलसी की पत्तियां अस्थमा
के मरीजों और सूखी खांसी से पीड़ित लोगों के लिए भी बहुत गुणकारी हैं। इसके लिए तुलसी
की मंजरी,
सोंठ, प्याज का रस और शहद को मिला लें और इस मिश्रण को चाटकर खाएं, इसके
सेवन से सूखी खांसी और दमे में लाभ होता है।
पथरी दूर करने में फायदेमंद
है तुलसी
पथरी की समस्या होने पर भी तुलसी
का सेवन करना फायदेमंद रहता है। इसके लिए तुलसी की 1-2 ग्राम पत्तियों को पीसकर
शहद के साथ खाएं। यह पथरी को बाहर निकालने में मददगार होती है। हालांकि पथरी
होने पर सिर्फ घरेलू उपायों पर निर्भर ना रहें बल्कि नजदीकी डॉक्टर से अपनी
जांच करवायें।
प्रसव (डिलीवरी) के बाद
होने वाले दर्द से आराम-
प्रसव के बाद महिलाओं को तेज दर्द
होता है और इस दर्द को दूर करने में तुलसी की पत्तियां काफी लाभदायक हैं।
तुलसी-पत्र-स्वरस में पुराना गुड़ तथा खाँड़ मिलाकर प्रसव होने के बाद तुरन्त पिलाने
से प्रसव के बाद होने वाले दर्द से आराम मिलता है।
डायरिया और पेट की मरोड़ से
आराम-
गलत खानपान या प्रदूषित पानी की वजह से अक्सर लोग डायरिया
की चपेट में आ जाते हैं। खासतौर पर बच्चों को यह समस्या बहुत होती है। तुलसी
की पत्तियां डायरिया,
पेट में मरोड़ आदि समस्याओं से आराम दिलाने में कारगर हैं।
इसके लिए तुलसी की 10 पत्तियां और 1 ग्राम जीरा दोनों को पीसकर शहद
में मिलाकर उसका सेवन करें।
पीलिया में लाभदायक है
तुलसी-
पीलिया या कामला एक ऐसी
बीमारी है जिसका सही समय पर इलाज ना करवाने से यह आगे चलकर गंभीर बीमारी बन जाती
है। 1-2 ग्राम तुलसी (Tulsi
plant) के पत्तों को पीसकर छाछ (तक्र) के साथ मिलाकर पीने से
पीलिया में लाभ होता है। इसके अलावा तुलसी के पत्तियों का काढ़ा बनाकर पीने से भी पीलिया
में आराम मिलता है।
नपुंसकता में लाभकारी-
तुलसी बीज चूर्ण अथवा मूल चूर्ण
में बराबर की मात्रा में गुड़ मिलाकर 1-3 ग्राम की मात्रा में, गाय
के दूध के साथ लगातार एक माह या छह सप्ताह तक लेते रहने से नपुंसकता में लाभ होता
है।
कुष्ठ रोग (त्वचा रोग) में
फायदेमंद-
अगर आप कुष्ठ रोग से पीड़ित हैं तो जान लें कि
तुलसी का सेवन कुष्ठ रोग को कुछ हद तक दूर करने में सहायक है। पतंजलि
आयुर्वेद के अनुसार 10-20 मिली तुलसी पत्र-स्वरस को प्रतिदिन सुबह पीने से
कुष्ठ रोग में लाभ होता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने
में मददगार-
तुलसी के नियमित सेवन से शरीर की रोग
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे सर्दी-जुकाम और अन्य संक्रामक बीमारियों से
बचाव होता है। 20 ग्राम तुलसी बीज चूर्ण में 40 ग्राम मिश्री मिलाकर पीस कर रख
लें। सर्दियों में इस मिश्रण की 1 ग्राम मात्रा का कुछ दिन सेवन करने से शारीरिक
कमजोरी दूर होती है,
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और वात
एवं कफ से जुड़े रोगों से मुक्ति मिलती है।
मलेरिया में फायदेमंद-
तुलसी का पौधा (Tulsi Plant) मलेरिया प्रतिरोधी है। तुलसी के पौधों को छूकर वायु में कुछ ऐसा
प्रभाव उत्पन्न हो जाता है कि मलेरिया के मच्छर वहां से भाग जाते हैं, इसके
पास नहीं फटकते हैं। तुलसी-पत्रों का काढ़ा बनाकर सुबह, दोपहर
और शाम को पीने से मलेरिया में लाभ होता है।
टाइफाइड में उपयोगी-
अगर आप टाइफाइड से पीड़ित हैं तो तुलसी-मूल-क्वाथ को
15 मिली की मात्रा में दिन में दो बार पियें। तुलसी अर्क के फायदे
से टाइफाइड का बुखार जल्दी ठीक होता है। यही नहीं बल्कि 20 तुलसी दल और 10
काली मिर्च के दाने दोनों को मिलाकर काढ़ा बना लें और किसी भी तरह का बुखार होने पर
सुबह, दोपहर शाम इस काढ़े का सेवन करें। यह काढ़ा सभी प्रकार के बुखार से आराम दिलाने
में कारगर है।
मासिक धर्म की अनियमितता
में तुलसी के बीज के फायदे-
शरीर में वात दोष
के बढ़ जाने के कारण मासिक धर्म की अनियमितता हो जाती है। तुलसी के बीज में वात
को नियंत्रित करने का गुण होता है इसलिए इसका प्रयोग मासिक धर्म की अनियमितता में
किया जा सकता है। तुलसी का बीज कमजोरी दूर करने में सहायक होता है, जिसके
कारण मासिक धर्म होने के दौरान जो कमजोरी महसूस होती है उसको दूर करने में मदद
करता है।
साँसों की दुर्गंध दूर करे
तुलसी का उपयोग-
साँसों की दुर्गन्ध ज्यादातर
पाचन शक्ति कमजोर हो जाने के कारण होती है। तुलसी अपने दीपन और पाचन
गुण के कारण साँसों की दुर्गन्ध को दूर करने में सहायक होती है। इसमें अपनी
स्वाभाविक सुगंध होने के करण भी यह सांसों की दुर्गन्ध का नाश करती है।
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