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भारतीय संविधान एवं राजव्यवस्था

भारतीय संविधान एवं राजव्यवस्था

भारत का संविधान (Indian Constitution), भारत का सर्वोच्च विधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ। यह दिन (26 नवम्बर) भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया है। जबकि 26 जनवरी का दिन भारत में गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।

भीमराव आम्बेडकर को भारतीय संविधान का प्रधान वास्तुकार या निर्माता कहा जाता है। भारत के संविधान का मूल आधार भारत सरकार अधिनियम 1935 को माना जाता है। भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतान्त्रिक देश का सबसे लम्बा लिखित संविधान है। जिसे दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक ग्रंथ भी कहा जाता है।

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भारतीय संविधान एवं राजव्यवस्था

भारतीय संविधान समय और आवश्यकता के हिसाब से बदलाव रहता है। भारतीय संविधान का इतिहास अंग्रेजों के समय से चलता आ रहा है। लेकिन आजादी के बाद आधिकारिक रूप से जब भारत लोकतांत्रिक देश बना तो 26 जनवरी 1950 से पूरे देश में लागू कर दिया गया था। उस समय भारतीय संविधान में 8 अनुसूचियां और 395 अनुच्छेद थे जो, 22 भागों में विभाजित था। साल 2020 तक भारतीय संविधान में कुल संशोधन 104 बार किया गया है। जिसके कारण अब 470 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां हैं जो 25 भागों में विभाजित होता है।

भारतीय संविधान को निम्न लेखों (Posts) के आधार पर विस्तार से जानने का प्रयास करते है-

भारतीय संविधान का निर्माण

(संविधान के निर्माण में संविधान निर्मात्री सभा की भूमिका, संविधान सभा के प्रमुख उद्देश्य अथवा उद्देश्य प्रस्ताव)

भारतीय संविधान की प्रस्तावना

('प्रस्तावना संविधान की आत्मा है।' स्पष्ट कीजिए, भारतीय संविधान की प्रस्तावना की विशेषताएँ)

भारतीय संविधान की मुख्य विशेषताएँ

भारतीय संघीय व्यवस्था

(संघात्मक शासन, भारतीय संघीय व्यवस्था की प्रकृति)

भारतीय संविधान संघात्मक एवं एकात्मक

(भारतीय संविधान में संघवाद की मुख्य विशेषताएँ तथा उनकी सीमाएँ)

केन्द्र और राज्यों के मध्य विधायी सम्बन्ध

केन्द्र और राज्यों के मध्य प्रशासनिक सम्बन्ध

केन्द्र और राज्यों के मध्य वित्तीय सम्बन्ध

मौलिक अधिकार

(भारतीय संविधान में प्रदत्त मूलभूत अधिकार अनुच्छेद 12 से 35)  

नीति निदेशक तत्व

(नीति निदेशक तत्व एवं मौलिक अधिकारों में अन्तर, राज्य के नीति-निर्देशक सिद्धान्तों की प्रकृति एवं महत्त्व)

मूल कर्त्तव्य

(भारतीय संविधान में मौलिक कर्त्तव्य भाग 4 क)

भारतीय संविधान में संशोधन प्रक्रिया

राष्ट्रपति के पद की स्थिति एवं स्वरूप

भारत के राष्ट्रपति के कार्य एवं शक्तियाँ

भारतीय संसद की शक्तियाँ व सीमाएँ

भारत के प्रधानमंत्री के कार्य, शक्तियाँ तथा स्थिति

सर्वोच्च न्यायालय के कार्य व शक्तियाँ

(भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के गठन एवं क्षेत्राधिकार की विवेचना)

न्यायिक पुनरावलोकन

(भारत में न्यायिक पुनरावलोकन का अर्थ और प्रकृति)

व्यवस्थापिका

(व्यवस्थापिका के कार्य एवं व्यवस्थापिका की प्रतिष्ठा में ह्रास (कमी) के कारण)

राज्यपाल की शक्तियाँ व स्थिति

(राज्य की राजनीति में राज्यपाल की भूमिका)

भारतीच राजनीति में नेतृत्व की भूमिका  

(नेतृत्व से आप क्या समझते हैं? नेतृत्व की मुख्य विशेषताओं का वर्णन)

भारतीय संघीय व्यवस्था में क्षेत्रीय दल

(भारतीय संघीय व्यवस्था में क्षेत्रीय राजनीतिक दलों की भूमिका)

लोकतंत्र में दलीय व्यवस्था

(भारतीय राजनीतिक दलों की मुख्य विशेषताएँ)

भारत में निर्वाचन आयोग

(गठन, कार्य व भूमिका)

भारत में निर्वाचन व्यवस्था के दोष एवं उसमें सुधार के उपाय

राष्ट्रीय एकीकरण

(भारत में राष्ट्रीय एकीकरण की प्रमुख चुनौतियाँ एवं मार्ग की बाधाओं को दूर करने के उपाय)

भारतीय राजनीति में क्षेत्रवाद की प्रकृति और भूमिका

(भारत में क्षेत्रवाद के कारण तथा दुष्परिणाम)

भारतीय राजनीति में साम्प्रदायिकता

(भारतीय राजनीति में साम्प्रदायिकता के उदय होने के कारण)

भारतीय राजनीति में जाति की भूमिका

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